बैनटैक्स ज्वेलरी से आर्थिक आत्मनिर्भरता की मिसाल बनी गंगरेल की पुष्पा साहू

घनश्याम साहू (TheChhattisgarhnews)

धमतरी जिले के गंगरेल गांव की रहने वाली पुष्पा साहू ने यह सिद्ध कर दिखाया है कि अगर इच्छाशक्ति हो और मेहनत करने का जज्बा हो तो कोई भी महिला आत्मनिर्भर बन सकती है। जहां पहले उनके परिवार की आर्थिक स्थिति डगमगाई हुई थी, वहीं अब पुष्पा साहू बैन टैक्स ज्वेलरी बेचकर प्रतिमाह 12 से 15 हजार रुपए तक की आय अर्जित कर रही हैं। पुष्पा साहू नई दिशा महिला स्व सहायता समूह की सक्रिय सदस्य है व कुंवर बाई महिला ग्राम संगठन गंगरेल तथा सार्थक महिला क्लस्टर संगठन रुद्री से जुड़ी हुई है।कठिनाइयों से संघर्ष की शुरुआत पारंपरिक ग्रामीण जीवन में सीमित संसाधनों और आर्थिक तंगी के बीच पुष्पा साहू ने अपने परिवार की जिम्मेदारियों को निभाने के लिए कुछ अलग करने की ठानी। सीमित पूंजी के साथ उन्होंने बैन टैक्स ज्वेलरी का व्यवसाय शुरू किया। यह आभूषणें खास तौर पर कृत्रिम होती हैं, जो आधुनिक डिजाइन और किफायती दामों के कारण बाजार में तेजी से लोकप्रिय हो रही हैं आत्मविश्वास और मेहनत से बदली तकदीर
शुरुआत में ग्राहकों को जोड़ने और बिक्री बढ़ाने में उन्हें कुछ कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। लेकिन धैर्य, मुस्कान और अपनी कला में भरोसे ने उन्हें आगे बढ़ाया। उन्होंने घर-घर जाकर, स्थानीय मेलों हाट-बाजारों और सोशल मीडिया के माध्यम से भी अपने उत्पादों को लोगों तक पहुंचाया धीरे-धीरे उनका व्यवसाय बढ़ता गया।
आज पुष्पा साहू नियमित रूप से बैन टैक्स ज्वेलरी बेचकर हर महीने 12,000 से 15,000 रुपए तक की आमदनी अर्जित कर रही है। यह आय न केवल उनके लिए आत्मविश्वास की शक्ति बनी, बल्कि परिवार की जरूरतों को पूरा करने में भी सहायक हुई। अब उनके बच्चे अच्छी शिक्षा पा रहे हैं और परिवार आत्मनिर्भर जीवन की ओर बढ़ रहा है। प्रेरणा बनी ग्रामीण महिलाओं के लिए पुष्पा साहू आज गंगरेल की महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुकी हैं। वे यह दिखा चुकी हैं कि छोटे स्तर पर शुरू किया गया व्यवसाय भी बड़ी उम्मीदों और ईमानदार मेहनत से एक स्थायी आमदनी का साधन बन सकता है।

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