
घनश्याम साहू (the chhattisgarh news)
रेशम आधारित गतिविधियों से ग्रामीणों को जोड़ने की पहल,
धमतरी, जिले के बिरेझर ग्राम में “मेरा रेशम मेरा अभिमान” कार्यक्रम के अंतर्गत रेशम जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीणों को रेशम की गतिविधियों, उससे मिलने वाले रोजगार और शासन की योजनाओं से अवगत कराना रहा। इस अवसर पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत धमतरी रोमा श्रीवास्तव ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि रेशम उद्योग विशेष रूप से तसर उत्पादन इस क्षेत्र के लिए एक सशक्त आजीविका माध्यम बन सकता है। उन्होंने जिले में रेशम की उपलब्धता, आय, शासन कि योजना और रोजगार के अवसरों पर प्रकाश डाला
कार्यक्रम के समन्वयक एवं केन्द्रीय रेशम बोर्ड के वैज्ञानिक डॉ. के.पी. किरण कुमार ने जानकारी देते हुए कहा कि भारत सरकार के केन्द्रीय वस्त्र मंत्रालय द्वारा “मेरा रेशम मेरा अभिमान” एक महत्वाकांक्षी तकनीकी हस्तांतरण योजना है, जिसके अंतर्गत देश के 120 जिलों का चयन किया गया है। धमतरी जिला भी उन जिलों में शामिल है।

उन्होंने कहा कि जिले के वनों में तसर खाद्य पौधों की बहुलता एवं नैसर्गिक कोसा उत्पादन की विशेषता को देखते हुए यहां तकनीकी हस्तांतरण, डिमोन्सट्रेशन, प्रशिक्षण एवं कोसा संग्रहरण से लेकर धागाकरण तक के कार्यक्रम संचालित किए जाएंगे। स्थानीय लोगों को रोजगार का अवसर मिलेगा। ग्रामोद्योग विभाग, रेशम प्रभाग के अपर संचालक डॉ. राजेश बघेल ने रेशम विभाग की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी, जिसमें शहतूत आधारित कोसा पालन, नैसर्गिक प्रजाति के कोसा संग्रहण, धागाकरण एवं प्रशिक्षण जैसे घटकों के माध्यम से भूमिहीन, लघु एवं सीमांत कृषकों को लाभ पहुंचाने की बात कही गई। कार्यक्रम में ग्राम बिरेझर की सरपंच नेहा साहू, उप संचालक रेशम ठाकुर राम उइके, जनपद पंचायत कुरूद के सीईओ अमित सेन, जिला पंचायत धमतरी के अधिकारी धरम सिंह एवं अनुराग मिश्रा सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित रहे।
