
घनश्याम साहू(the chhattisgarh news)
छ. ग सहायक शिक्षक समग्र शिक्षक फेडरेशन ने कहा, इसे ही कहते है घोर कलयुग आने वाला है,आज सायं सरकार के राज में आ ही गया, शिक्षक कुत्तों की निगरानी के लिए नियुक्त है या बच्चों को होनहार IAS या भविष्य का मुख्यमंत्री बनाने के लिए है……ये व्यवस्थापन नहीं बल्कि शिक्षकों का उपहास है,और गाल पर तमाचा है,की कलयुग में शिक्षक वो नहीं जो सरकारी स्कूलों में पढाते हैं,बल्कि शिक्षक वो है जो बड़े बड़े जनप्रतिनिधियों के आलीशान बिल्डिंग में सेवा दे रहे है,ऐसे कई आदेश शिक्षा विभाग पहले भी निकाल चुका है,ODF में निगरानी,मेला ड्यूटी, आदि पर इस बार का आदेश गुरुजी के गाल पर तमाचा,और शिक्षक संवर्ग के साथ घोर बेइज्जती,और उपहास है ,जब प्रशासन को कुत्तों की निगरानी, और बच्चों की सुरक्षा की इतनी ही फिक्र है, तो स्वीपरो को नियमित कर दें,ताकि पूरे स्कूल समय में स्कूलों के समस्त कार्य द्रुत गति से बिना प्रभावित संचालित हो सके,पर ऐसा नहीं करेंगे,बल्कि शिक्षकों की बेइज्जती करना इस प्रशासन की गहरी मानसिकता है,जिसका पूरा शिक्षक जगत निंदा करता है,और भविष्य में ऐसे आदेश से बचने के लिए सीधे मुख्यमंत्री महोदय को संज्ञान में लेने निवेदन करते है,ये शिक्षकों का कार्य नहीं, सत्ता पक्ष को बदनाम करने का षडयंत्र भी हो सकता है, इस पर सभी 90विधायकों को आत्म मंथन करना चाहिए, ताकि देर न हो जाए….परिणाम……आते आते……इसका दूरगामी परिणाम भयंकर और अभिशप्त हो सकता है,,,
