
घनश्याम साहू(The Chhattisgarh News)
कुरूद-शिक्षा की गुणवत्ता पर सवाल उठाने और कथित तौर पर WhatsApp स्टेटस के माध्यम से आलोचना व्यक्त करने के कारण नारी विकासखण्ड कुरुद में पदस्थ एक सहायक शिक्षक को निलंबित किए जाने का मामला सामने आया है।इस कार्रवाई का छत्तीसगढ़ तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने कड़ा विरोध किया है, जिसे संघ के तहसील अध्यक्ष राजेश पाण्डेय ने ‘लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की आजादी पर सीधा हमला’ बताया है। वहीं निलंबन की वजह बच्चों को पाठ्य पुस्तके न मिलने पर सवाल और WhatsApp स्टेटस प्राप्त जानकारी के अनुसार, सहायक शिक्षक ने बच्चों की पढ़ाई-लिखाई आज पर्यन्त तक पाठ्य पुस्तके न मिलने और शिक्षा व्यवस्था की खामियों को लेकर एक WhatsApp स्टेटस लगाया था। शिक्षा विभाग ने इस ‘आलोचनात्मक’ पोस्ट को शासकीय निर्देशों के विपरीत मानते हुए, उन पर तत्काल निलंबन की कार्रवाई की है।
राजेश पाण्डेय ने दर्ज कराया कड़ा विरोध
छत्तीसगढ़ तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के तहसील अध्यक्ष राजेश पाण्डेय ने संघ के माध्यम से इस निलंबन को अलोकतांत्रिक और तात्कालिक बताया है। उन्होंने एक बयान जारी कर कहा बच्चों के भविष्य और शिक्षा की गुणवत्ता पर सवाल उठाना किसी भी शिक्षक का नैतिक दायित्व है। यदि एक शिक्षक, शिक्षा विभाग की नीतियों या कार्यशैली में कमी देखता है और उसे व्यक्त करता है, तो उसे ‘गुनाह’ मानकर निलंबित कर देना, यह दर्शाता है कि क्या शिक्षा विभाग आलोचना से डर रहा है? यह कार्रवाई अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का स्पष्ट उल्लंघन है संघ ने मांग की है कि इस निलंबन को तत्काल वापस लिया जाए और शिक्षक पर की गई कार्रवाई की निष्पक्ष जांच की जाए। राजेश पाण्डेय ने सवाल उठाया है कि क्या विभाग को सिर्फ चापलूसी पसंद है? यदि शिक्षक ईमानदारी से व्यवस्था की कमियां उजागर करते हैं, तो उन्हें दंडित क्यों किया जाता है?
संघ के पदाधिकारी अविनाश साहू सी पी पटेल मकसूदन पटेल बी के बांधे, महेंद्र साहू, वर्षा अग्रवाल, टी एस साहू, धनंजय ठाकुर, जगदीश साहू, ने चेतावनी दी है कि यदि निलंबन जल्द ही रद्द नहीं किया जाता है, तो संघ के शिक्षक और कर्मचारी इस एकतरफा कार्रवाई के खिलाफ लामबंद होकर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
