महिला शक्ति का प्रतीक बना कुरूद

घनश्याम साहू(thechhattisgarhnews)
धमतरी-सुरक्षा, आत्मनिर्भरता और राष्ट्रप्रेम के संदेश को जन-जन तक पहुँचाने की दिशा में शनिवार, 11 अक्टूबर 2025 को रेस्ट हाउस हॉल, कुरूद में सरपंच संघ कुरूद एवं समाज कल्याण विभाग के सहयोग से “महिला कमांडो प्रशिक्षण कार्यक्रम” का भव्य आयोजन हुआ। यह आयोजन केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि महिला सशक्तिकरण की नई क्रांति के रूप में पूरे जिले में चर्चा का विषय बना। दीप प्रज्वलन के साथ आरंभ — मातृशक्ति का अभिनंदन कार्यक्रम का शुभारंभ भारत माता की आरती और दीप प्रज्वलन से हुआ। इस अवसर पर संघ कुरूद के संरक्षक टिकेश साहू ने स्वागत उद्बोधन देते हुए कहा —आज की महिला समाज की नींव नहीं, उसकी ढाल है। हर पंचायत में आत्मरक्षा की भावना जीवित रहे — यही सरपंच संघ का उद्देश्य है।” प्रथम सत्र – मातृशक्ति के जागरण का मंच प्रथम सत्र में पद्मश्री शमशाद बेगम जी, जो 2006 से महिला कमांडो की नायिका रही हैं, ने मातृशक्ति के महत्व पर कहा “महिलाएं केवल घर की सीमाओं तक नहीं, बल्कि समाज और राष्ट्र की दिशा तय करने की क्षमता रखती हैं। आत्मरक्षा, आत्मविश्वास और आत्मसम्मान यही तीन स्तंभ महिला कमांडो की पहचान हैं।”इसके पश्चात नशामुक्ति कुरूद समाज कल्याण एवं शांति मैत्री ग्रामीण विकास संस्थान के अध्यक्ष ने नशे की प्रवृत्तियों और उनके दुष्प्रभावों पर गहन जानकारी दी। वात्सल्य सृजन यूथ ऑर्गेनाइजेशन के अध्यक्ष एवं नशा मुक्ति विचार मंच के प्रमुख यशपाल राणा जी ने कहा “यदि एक महिला जागरूक हो जाए तो पूरा समाज नशा, हिंसा और अन्याय से मुक्त हो सकता है। आज कुरूद ने उस परिवर्तन की शुरुआत कर दी है।”इसके बाद नवाविहान की संरक्षक अधिकारी अनामिका शर्मा जी ने घरेलू हिंसा, महिला संरक्षण कानूनों एवं साइबर सुरक्षा पर प्रभावशाली जानकारी दी। सत्र का समापन सरपंच संघ कुरूद द्वारा प्रस्तुत एक सशक्त शॉर्ट डॉक्यूमेंट्री फिल्म “महिला कमांडो” से हुआ — जिसे देखकर सभागार गर्व, भावना और जोश से भर उठा।द्वितीय सत्र – प्रशासन और समाज की संयुक्त प्रतिबद्धता

कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में मंच की गरिमा बढ़ी जब मुख्य अतिथि जिला कलेक्टर अविनाश मिश्रा, विशिष्ट अतिथि एएसपी श्री मणिशंकर चंद्रा, एसडीएम नभ सिंह कोशले, एवं कार्यपालन अधिकारी अमित सेन का आगमन हुआ। एएसपी मणिशंकर चंद्रा ने कहा “महिला सुरक्षा समाज की जिम्मेदारी है। यह प्रशिक्षण पुलिस और समाज दोनों को एक नई दिशा प्रदान करेगा।”
मुख्य अतिथि जिला कलेक्टर अविनाश मिश्रा ने अपने प्रेरणादायक संबोधन में कहा —आत्मरक्षा केवल एक कौशल नहीं, बल्कि आत्मसम्मान की रक्षा का शस्त्र है। कुरूद जनपद ने जो उदाहरण प्रस्तुत किया है, वह पूरे धमतरी जिले के लिए अनुकरणीय है। मैंने अपने चार जिलों के कार्यकाल में ऐसा जनजागरण कहीं नहीं देखा।

उन्होंने आगे घोषणा करते हुए कहा अब धमतरी जिले के हर ग्राम में महिला कमांडो दल का गठन किया जाएगा और उन्हें शासन स्तर से प्रशिक्षण एवं संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे।” कलेक्टर महोदय ने सरपंच संघ कुरूद को इस उत्कृष्ट पहल के लिए हृदय से बधाई देते हुए कहा आपने पंचायत व्यवस्था को केवल विकास का माध्यम नहीं, बल्कि महिला सुरक्षा का सशक्त मंच बना दिया है अंतिम सत्र में शुभम नाग, प्रांत संयोजक, बजरंग दल छ.ग. ने कहा कमांडो सिर्फ सीमा पर नहीं होते, बल्कि समाज के भीतर भी ऐसे वीर कमांडो हैं जो अन्याय, भय और बुराई से लड़ते हैं। आज की हर महिला वही कमांडो है जो भारत की आत्मा की रक्षा कर रही है।संपूर्ण सभागार में एक ही स्वर गूंजा “जय मातृशक्ति, जय भारत, जय छत्तीसगढ़! सरपंच संघ कुरूद की संगठन शक्ति बनी प्रेरणा इस पूरे आयोजन की सफलता का श्रेय सरपंच संघ कुरूद को जाता है, जिसके अध्यक्ष हरिशंकर साहू ने कार्यक्रम की सभी व्यवस्थाओं को उत्कृष्ट और अनुशासित रूप से संचालित किया। उपाध्यक्ष पुष्पलता साहू ने आभार व्यक्त करते हुए सभा का समापन किया। इस कार्यक्रम में सक्रिय सरपंच की भूमिका में पुरन सिंह धृतलहरे, पूजा साहू, जयमित्र साहू, पन्ना चंद्राकर, ज्योति मांडवी, नीतू तोड़ेकर, खुमेश्वरी साहू, माधुरी साहू, हेमा गन्नीर, नेमीन सिन्हा, ओमप्रकाश यादव, भारतभूषण साहू, त्रिवेणी पाल, नागेश साहू, मिथलेश साहू तथा सभी सरपंचों ने इस आयोजन को ऐतिहासिक बनाने में अहम भूमिका निभाई। समापन – इतिहास रच गया कुरूद जनपद कार्यक्रम का समापन “जय मातृशक्ति, जय भारत, जय छत्तीसगढ़ के नारों के साथ हुआ। इस दिन कुरूद ने सिद्ध किया कि जब जनप्रतिनिधि और समाज एक साथ खड़े हों — महिलाओं की शक्ति केवल देखी नहीं, बल्कि महसूस की जा सकती है। यह आयोजन अब धमतरी जिले में महिला सशक्तिकरण और सुरक्षा का प्रतीक बन चुका है और आने वाले वर्षों तक “महिला कमांडो प्रशिक्षण – कुरूद मॉडल” के रूप में याद किया जाएगा।
