
घनश्याम साहू(The Chhattisgarh News)
सरपंच संघ कुरूद के नेतृत्व में चल रहा “मोर गांव – मोर अभिमान” अभियान अब एक बड़े जनांदोलन का रूप ले रहा है। इस मुहिम की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि सभी पंचायतें ‘अग्रणी पंचायत’ की भूमिका निभा रही हैं।ग्राम पंचायत नवागांव (उमरदा), परसठठी, मेंडरका, अछोटी, भाटागांव, सिलतरा, बंगोली, भैसमुडी, कान्हरपुरी, कुम्हारी, खुरसेंगा, भोथली सहित अन्य पंचायतों के सरपंच और प्रतिनिधि न केवल अपने गांव में कार्यक्रम चला रहे हैं, बल्कि एक-दूसरे पंचायतों में जाकर सहयोग और मार्गदर्शन भी दे रहे हैं।

यही गांव-गांव की एकजुटता और एकता इस आंदोलन की सबसे बड़ी शक्ति बन गई है।महिला कमांडो गठन, ग्रीन कमांडो, स्वच्छता, जल संरक्षण, पर्यावरण सुरक्षा, सांस्कृतिक उत्थान और सामाजिक भागीदारी जैसे प्रयासों के जरिए यह अभियान हर गांव को आत्मनिर्भर और जागरूक बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।अब यह आंदोलन केवल गांवों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसकी गूंज शासन-प्रशासन तक पहुंचेगी।पंचायतों की यह एकजुटता विकास का नया मॉडल पेश कर रही है।यह अभियान साबित कर रहा है कि जब गांव जागता है तो व्यवस्था भी हरकत में आती है।सरपंच संघ कुरूद का संदेश स्पष्ट है – “हर पंचायत अग्रणी है, हर सरपंच नेतृत्वकर्ता है, और मिलकर गांव ही बदलाव की असली ताकत है।” सरपंच संघ के संरक्षक टिकेश साहू अध्यक्ष हरिशंकर साहू मीडिया प्रभारी योगेश साहू शासन प्रशासन एवं पुलिस की पूरी टीम के नेतृत्व में हर एक पंचायत मोर गांव मोर अभियान मोर स्वच्छता अभियान को लेकर अच्छा पहला जिसमें गांव के सभी सरपंच एक होकर इस अभियान को सफल बना रहे हैं
